राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान : एक अवलोकन

प्रदेश के बालक-बालिकाओं में वैज्ञानिक चेतना, वैज्ञानिक तथ्यों एवं गणित के प्रति रूचि, जागरूकता तथा जिज्ञासा उत्पन्न करने के लिए प्राथमिक स्तर से इण्टरमीडिएट स्तर तक विभिन्न प्रकार के विज्ञान एवं गणित शिक्षा कार्यक्रमों को सम्पादित करने के लिए प्रत्येक प्रदेश में विशिष्ट संस्थानों की स्थापना की गई है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश में वर्ष 1965 में राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान की स्थापना प्रयागराज में की गई। वर्ष 1981 में इसे राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, उत्तर प्रदेश, की एक इकाई के रूप में ‘‘विज्ञान एवं गणित विभाग’’ बनाया गया। तब से विद्यालय स्तर पर यह संस्थान विज्ञान और गणित की गुणवत्तापरक शिक्षा के अनुसंधान और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के साथ-साथ शैक्षिक एवं तकनीकी परामर्श का कार्य करता आ रहा है।

इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य विद्यालयी स्तर पर विज्ञान एवं गणित के उन्नयन के लिए साहित्य विकास तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करना है। आज यह संस्थान सोद्देश्यपूर्ण विज्ञान तथा गणित शिक्षा के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करता है।

संस्थान के सम्पूर्ण कार्यों की देख-रेख एवं प्रशासन निदेशक, राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान, उत्तर प्रदेश, प्रयागराज द्वारा किया जाता है। भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, कृषि विज्ञान एवं गणित विषयों से सम्बन्धित श्रेणी एक में वरिष्ठ प्रोफेसर के दो पद, श्रेणी दो में प्रोफेसर के पाँच पद तथा प्रवक्ता राजपत्रित के 09 पद सृजित है।

राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान की स्थापना के उद्देश्य

विद्यालयी शिक्षा के उन्नयन हेतु स्थापित इस संस्थान के बहुआयामी कार्यकलापों के मुख्य उद्देश्य निम्नवत हैं-


  • उपयोगी एवं महत्वपूर्ण शैक्षिक साहित्य का सृजन एवं प्रकाशन।
  • शोध कार्यक्रमों द्वारा शैक्षिक गुणवत्ता में उन्नयन।
  • उच्च प्राथमिक स्तर पर विज्ञान, कृषि व गणित विषयों के पाठ्यपुस्तक का लेखन तथा शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण साहित्य का निर्माण।
  • माध्यमिक स्तर (कक्षा 09, 10) एवं उच्च माध्यमिक स्तर (कक्षा 11, 12) पर विज्ञान एवं गणित विषय से सम्बन्धित प्रशिक्षण साहित्य का निर्माण एवं शिक्षक-प्रशिक्षण।
  • प्रदेश के छात्रों को अपनी वैज्ञानिक प्रतिभा के प्रदर्शन और सृजनात्मक कौशल की अभिव्यक्ति का अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष जनपद, मण्डल और राज्य स्तर पर विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन करना।
  • प्रदेश के छात्रां में वैज्ञानिक अभिरूचि एवं विश्लेषणात्मक प्रवृत्ति विकसित करने तथा विचारों की उन्मुक्त अभिव्यक्ति के उद्देश्य से जनपद, मण्डल एवं राज्य स्तर पर विज्ञान संगोष्ठी का आयोजन करना।

संस्थान की गतिविधियाँ

1. प्रशिक्षण :

उच्च प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तरीय विज्ञान एवं गणित विषयों के सेवारत् अध्यापकों के जनपदीय प्रशिक्षण हेतु मास्टर ट्रेनर्स प्रशिक्षण का कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिससे शिक्षक शिक्षण अधिगम की आधुनिक विधा से परिचित हो।

2. साहित्य विकास :

उच्च प्राथमिक स्तरीय विज्ञान, गणित एवं कृषि विज्ञान के पाठ्यपुस्तकों, कार्यपुस्तिका तथा अन्य प्रशिक्षण साहित्य का विकास कार्यशालाओं के माध्यम से किया जाता है।

3. शोध अध्ययन :

विज्ञान एवं गणित विषयों को सरल, रोचक तथा बोधगम्य बनाने के लिए विभिन्न प्रकरणों पर शोध अध्ययन किये जाते है।

4. विज्ञान संगोष्ठी का आयोजन :

प्रतिवर्ष राष्ट्रीय विज्ञान केन्द्र, नई दिल्ली के तत्वाधान में निर्धारित विषय पर राज्य स्तरीय विज्ञान संगोष्ठी का आयोजन कराया जाता है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कक्षा 08 से 10 तक के विद्यार्थियों में नवीन वैज्ञानिक तथ्यों के प्रति स्वतंत्र चिन्तन, स्वस्थ प्रतिस्पर्धात्मक भावना का विकास एवं खुले मंच पर सम्भाषण प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करना है।

5. विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन :

प्रतिवर्ष राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण, नई दिल्ली के तत्वाधान में निर्धारित विषय पर राज्य स्तरीय जवाहर लाल नेहरू विज्ञान, गणित एवं पर्यावरण प्रदर्शनी का आयोजन कराया जाता है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कक्षा 06 से 12 तक के विद्यार्थियों में नवीन वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित प्रदर्शों का निर्माण करना एवं तर्कपूर्ण प्रस्तुतीकरण करने का अवसर प्रदान करना है।